Dau Samosa Shop Jhansi: वैसे देखा जाये तो हर एक शहर की उसकी एक खासियत होती है। हर शहर की उसकी अपनी खूबसूरती होती है, उसका अपना इतिहास होता है। और झांसी का इतिहास किसी को बताने की जरूरत नहीं है। झांसी के बारे में आपने क्या हर किसी ने सुन ही रखा होगा।
उसी क्रम में आज हम बात करने वाले हैं समोसा की। और समोसा की बात हो और झांसी शहर के दाऊ समोसा(Dau Samosa Shop Jhansi) के चर्चे ना हो, ऐसा नहीं हो सकता। दाऊ समोसा, जो कि झांसी में समोसे की बहुत ही जानी-पहचानी दुकान है।
आइऐ एक नजर डालते हैं झांसी की इस प्रसिद्ध दुकान पर।
दाऊ के समोसेः एक अनोखा स्वाद
वैसे झांसी शहर में रहने वाले हर एक व्यक्ति ने इनके समोसे कभी न कभी जरूर खायें होंगे। और जिन्होनें नही भी खाये होंगे, दाऊ समोसे वालों का नाम जरूर सुना होगा। दाऊ के समोसे को खाने के लिए झांसी तो क्या, बाहर के लोग भी आते हैं, जैसे किसी ने नाम सुन रखा होगा, तो वे लोग झांसी आये, तो यहां समोसे खाने जरूर आते हैं।
और आजकल तो यूट्यूब चैनल के फूड ब्लॉगर भी इनके समोसों को चखने आते रहते हैं। इनके समोसों में जो स्वाद है ना, वह बहुत लाजवाब है। झांसी शहर में इनसे बेहतरीन समोसे की दुकान बहुत कम ही हैं।
दाऊ के समोसेः दुकान का इतिहास
बहुत से यूट्यूबर्स को दिये गये इंटरव्यू में दाऊ के समोसे की दुकान के इतिहास के बारे में बताया गया है। बताते हैं कि दाऊ नाम के एक व्यक्ति थे, जिन्होंने समोसे की दुकान खोली। और वह उसमें अपने घर के बने हुए शुद्ध मसाले और अपने हाथों से बनायी गयी हरी चटनी और अपने हाथों से बनायी गयी कढ़ी को समोसों के साथ सर्व करते थे, जिससे उनके स्वाद और समोसे को लोगों ने हाथों हाथ लिया और वहीं से समोसे की दीवानगी लोगों के सर पर चढ़ने लगी।आज दाऊ तो हमारे बीच नहीं हैं, पर उनके जो चार बेटे हैं, वह सभी अपनी अलग-अलग दुकानों को संभाले हुए हैं। और सभी लोग एक ही नाम से अपनी दुकानों को चला रहे हैं, अपने पिता के नाम को और उनके स्वाद को जिंदा बनाए हुए हैं।
दाऊ के समोसेः क्या है खासियत
देखा जाए तो समोसे हर जगह के अच्छे होते हैं, लेकिन दाऊ के समोसों की मुख्य खासियत यह है कि वह समोसों में घर के बने हुए मसालों का ही प्रयोग करते हैं। वह किसी भी प्रकार के बाहरी मसालों का प्रयोग नहीं करते है। और उनकी दुकान में समोसों के साथ सर्व करने के लिए स्पेशल कढ़ी बनायी जाती है। समोसे के साथ वह जो कढ़ी देते हैं ना, वह समोसे को और भी स्वादिष्ट बना देती है। दाऊ की दुकान में तेंदु के पत्तों से बने हुए दोने में समोसे को दो भागों के तोड़कर उसमें ऊपर से जो कढ़ी डाली जाती है, उससे वह समोसा और भी स्वादिष्ट हो जाता है। और खाने में टेस्ट बढ़ जाता है।
दाऊ के समोसेः बनाने की प्रक्रिया
इस दुकान में समोसे बनाने के लिए जितने भी लोग लगे हुए हैं, सभी के पास कई वर्षों का समोसे बनाने का अनुभव है। सभी लोग पूरी साफ-सफाई के साथ समोसे बनाने का काम करते हैं, जिससे कि ग्राहकों को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो, खाद्य सुरक्षा के मानकों का भी पालन हो जाता है। सभी व्यक्ति यहां पर पूरे मन से काम करते हैं और दुकान को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
समोसों के अलावा और क्या है खास
अब दाऊ के समोसे की दुकान झांसी वालों को जब इतना बढिया स्वाद दे ही रहे है, तो उन्होंने समोसों के साथ ही साथ अपनी दुकान में ताजे रसगुल्ले, कचौड़ी और समोसों को बूंदी के हल्के मीठे रायते के साथ भी देना प्रारम्भ कर दिया है। समोसे को बूंदी के रायते के साथ खाने से एक अलग ही स्वाद आता है। जिन्होंने समोसे दोनों ही चीजें कढ़ी और रायते के साथ खाया है, वे लोग ही इस स्वाद को महसूस कर सकते हैं।
क्या है इनके समोसे का प्राइस
दाऊ समोसे के यहां आपको दो समोसे कढ़ी में 30 रुपये के मिल जायेंगें। और अगर आप समोसे को रायते के साथ खाना पसंद करते हैं तो आपको 30 रुपये में दो समोसे रायते के साथ खाने को मिल जायेंगें। अगर आपको कचौड़ी खानी है तो आपको 15 रुपये की एक कचौड़ी चटनी के साथ खाने के लिए सर्व की जाती है।
अगर आप इनके स्वादिष्ट रसगुल्ले को टेस्ट करने चाहते हैं तो वह आपको 15 रुपये प्रति पीस के आपको मिल जायेगा।
दाऊ समोसे की दुकान कहां पर स्थित है
दाऊ के समोसे खाने के लिए आपको झांसी शहर के मानिक चौक में आना होगा। यहां से खुशीपुरा वाली रोड़ में जब आप जायेंगे तो आपको यहां लगातार चार दुकानें एक ही नाम से मिल जायेंगी, तो आप किसी भी दुकान में समोसे का आनंद ले सकते हैं। क्योंकि ये चारों दुकानें दाऊ के बेटों की हैं। ये सभी दुकानों उनके नाम व स्वाद को बरकरार रखे हुए है।